Not known Factual Statements About Shiv chaisa

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पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

अर्थ- हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमददेवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर पैदा हुआ था) नामक असुर का more info संहार किया। आपके कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

अर्थ- आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।

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